मातृभूमि एवं धर्म की रक्षा हेतु गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबज़ादों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को नमन।
अल्पायु में उनका सर्वस्व समर्पण, वीरता एवं दृढ़ता हम सभी के लिए सदैव प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
वीर बाल दिवस के रूप में आज का दिन साहिबज़ादों की शौर्यगाथा के पुण्य स्मरण का दिन है।
मुझे खुशी है कि आज का भारत 'गुलामी की मानसिकता' से बाहर निकल रहा है। आज के भारत को अपने लोगों पर, अपने सामर्थ्य पर, अपनी प्रेरणाओं पर पूरा पूरा भरोसा है।आज के भारत के लिए साहिबजादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरणा का विषय है।
साहिबजादों की बहादुरी हमें सदियों से प्रेरणा दे रही है। देश के आजादी के 75 सालों के शासन चलाने के बाद आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सरकार पहली सरकार है जिसने वीर बाल दिवस के रूप में इन्हे सम्मान देने का काम किया। और हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का संबोधन दिए। हमारे सिख समुदाय के लोगो को उनके महान पूर्वज याद में वीर बाल दिवस मनाएं और एक अलग पहचान बनाए।